अपनों की बेरुखी मौत के पहले ही मार देती है अपनों की बेरुखी मौत के पहले ही मार देती है
माँ अक्सर बड़ी बात समझा देती हैं ,कम शब्दों में आज भी। .. माँ अक्सर बड़ी बात समझा देती हैं ,कम शब्दों में आज भी। ..
दो तीन की खड़ी-पड़ी कतारों के बीचोबीच संगीत में डूबी उसकी भाव भंगिमा मेअपना प्रतिबिंब निहारती मैं उस... दो तीन की खड़ी-पड़ी कतारों के बीचोबीच संगीत में डूबी उसकी भाव भंगिमा मेअपना प्रत...
पेरेंट्स को हर वक्त हर वक्त चिंता लगी रहती है। कभी पढ़ाई को लेकर कभी कैरिएर को लेकर इसी वजह से लगाता... पेरेंट्स को हर वक्त हर वक्त चिंता लगी रहती है। कभी पढ़ाई को लेकर कभी कैरिएर को ल...
पर क्या किसी के साथ उठते बैठते हम विचार करते है कि वह इंसान सही है या नहीं पर क्या किसी के साथ उठते बैठते हम विचार करते है कि वह इंसान सही है या नहीं
“मैं बबूके (बंदूके) बो रहा हूँ “मैं बबूके (बंदूके) बो रहा हूँ